M – Manas Mukul
For A to Z challenge this year, I have chosen to feature the “Authors of Razzmatazz” as it has always been a desire
For A to Z challenge this year, I have chosen to feature the “Authors of Razzmatazz” as it has always been a desire
“In Another Life” Like a lonely sunflower I keep looking for my sun, Anxiously searching everywhere I wither when I find none Is
एक ख़याल आया जो कल ना रहूँ मैं क्या तब भी तुझमें ज़िंदा रहूँगी मैं क्या तब भी तुम बिल्कुल ऐसे ही बोलोगे मेरी तस्वीर देख अपना दिल खोलोगे या खो जाओगे मेरी तरह कहीं चुपके से अचानक से जहां और कोई नहीं क्या आएगी तब भी तुमसे मेरी ख़ुशबू जैसे आती थी जब हम होते थे रूबरू कैसे खो जाते थे तुम मेरी इन पलकों में
कई बार ऐसा होता है जब हम किसी के सवालों का जवाब नहीं देना चाहते है। समाज के, परिवार के, रिश्तेदारों के, पड़ोसियों
वो कहता है तू खुदा है मेरा तू ही इश्क़ है तू है सबकुछ मेरा तुझे देखूँ तो साँसे चलती है मेरी तू देखे तो धड़कन बढ़ती है मेरी तेरी पलकों के उठने का इंतज़ार रहता है तेरी आँखों में दिल मेरा डूबा रहता है तेरी ज़ुल्फ़ों से घना कुछ और नहीं बस तू दिख जाए फिर कुछ और दिखता नहीं वो कहता है तुझमें एक ख़ुश्बू है तेरे साथ होने से मेरी ज़िंदगी महकती है तुझे छूने का एक अलग एहसास है बस याद कर लो तो लगता है हम पास है तू साथ होती है तो दिल को सुकून मिलता है बेरंग सी ज़िंदगी में भी रंग दिखता है .
सोचती हूँ कभी वो दिन तो आएगा जब बैठी रहूँगी तेरी बाँहों में चुप चाप, आँखें बंद करके होंठों पर मुस्कान चेहरे पर सुकून लेकर तेरे काँधे पर सिर अपना रखकर तेरे हाथों की गर्मी अपने हाथों में महसूस करके पास तेरे बैठी रहूँगी घंटों तक सोचती हूँ कभी तो मिल पाऊँगी जब कभी भी तुम पुकारोगे मैं भागी चली आऊँगी कभी तो ख़त्म होगी ये दूरी शायद हमारी कहानी अब ना रहेगी अधूरी
ये बारिश नहीं ये तुम ही हो जो मुझ तक ठंडक पहुँचा रही ये धूप नहीं ये तुम ही हो जो मेरे गालों को सहला रही ये हवा नहीं ये तुम ही हो जो मेरे कानों में कुछ कह रही बस कहने को तुम दूर हो तुम हो मेरे पास यहीं कहीं मेरे हर लफ़्ज़ में तुम अल्फ़ाज़ में तुम हर उस अनकही बातों में तुम मेरे कहानी में तुम हर कविता में तुम बस कहने को तुम दूर हो तुम हो मेरे पास यहीं कहीं सुबह की रोशनी रात के सितारे याद दिलाती है तुम्हारी
There are days when we feel like doing nothing at all. There are days when we miss someone so terribly that we want
है माँ दुर्गा, तुम भी तो नारी थी अकेली ही असुरों पे भारी थी, महिसासुर ने जब उपहास किया तुमने उसका सर्वनाश किया,
ख़्वाब जो साथ देखे है हमने हर उस सपने को सजाना है छोटे छोटे अनगिनत है हर ख़्वाहिश को पंख लगाना है भाग दौड़ की ज़िंदगी में दो पल साथ बिताना है ख़ूबसूरत से उस पल में ख़ामोश ही रह जाना है पहचान बनाने की इस दौड़ में ख़ुद को भूल जाना है ठेहरा हुआ एक शाम हो सुकून आजमाना है अनकही बातों के समंदर में पलकों से सब कह जाना है कुछ सवालों के इशारे पे बस हल्का सा मुस्कुराना है दूरी कभी ना हो हम में इतना प्यार जताना है आशियाँ हो तेरे बाहों का